- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और संयुक्त राष्ट्र स्पेशल ऑपरेशंस फोर्स (SOF) द्वारा ‘तरकश अभ्यास’ का आयोजन चेन्नई, तमिलनाडु में किया रहा है। यह अभ्यास का छठा संस्करण है जो 16 जनवरी से शुरू हुआ और 14 फरवरी को समाप्त होगा।
- इस अभ्यास में पहली बार भारत-अमेरिका द्वारा रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल एवं नाभिकीय (CBRN) हमलों के प्रति प्रतिक्रिया को शामिल किया गया है।
- इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य आतंकवादियों को तेज़ी से बेअसर करना, बंधकों को सुरक्षित छुड़ाना और आतंकवादियों द्वारा ले जाए जा रहे रासायनिक हथियारों को निष्क्रिय करना था। CBRN हथियार, जिन्हें सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है, का उपयोग बीते समय में विभिन्न देशों और आतंकवादी समूहों द्वारा किया गया है। CBRN का सबसे हालिया उपयोग वर्ष 2017 में सीरिया में सरीन गैस हमले के रूप में देखा गया था। इसके अलावा यूक्रेन के कीव (खार्किव) में हाल ही में रूस द्वारा एक रासायनिक हमला किया था, जब 100 से अधिक लोग मारे गए थे।
सामूहिक विनाश के हथियार (WMD)
- WMD इतने बड़े पैमाने पर और इतने अंधाधुंध तरीके से मौत और तबाही मचाने की क्षमता वाले हथियार हैं कि शत्रुतापूर्ण शक्ति के हाथों इसकी उपस्थिति को एक गंभीर खतरा माना जा सकता हैसामूहिक विनाश के आधुनिक हथियार या तो परमाणु, जैविक, या रासायनिक हथियार हैं – जिन्हें अक्सर सामूहिक रूप से NBC हथियार के रूप में संदर्भित किया जाता है।
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