बौद्ध संगीतियांः स्थान, अध्यक्ष, शासनकाल

0
73

बौद्ध संगीतियांः स्थान, अध्यक्ष, शासनकाल
══━━━━━━━✧❂✧━━━━━━━══

╭─❀⊰╯“प्रथम बौद्ध संगीति”
╨──────────────━❥

◎ स्थान ➛ राजगृह (सप्तपर्णी गुफा)
◎ समय ➛ 483 ई.पू.
◎ अध्यक्ष ➛ महाकस्सप
◎ शासनकाल ➛ अजातशत्रु (हर्यक वंश) के काल में ।
◎ उद्देश्य ➛ बुद्ध के उपदेशों को दो पिटकों विनय पिटक तथा सुत्त पिटक में संकलित किया गया।

Advertisement

╭─❀⊰╯“द्वितीय बौद्ध संगीति”
╨──────────────━❥

◎ स्थान ➛ वैशाली
◎ समय ➛ 383 ई.पू.
◎ अध्यक्ष ➛ साबकमीर (सर्वकामनी)
◎ शासनकाल ➛ कालाशोक (शिशुनाग वंश) के शासनकाल में।
◎ उद्देश्य ➛ अनुशासन को लेकर मतभेद के समाधान के लिए बौद्ध धर्म स्थापित एवं महासांघिक दो भागों में बँट गया।

╭─❀⊰╯ “तृतीय बौद्ध संगीति”
╨──────────────━❥

◎ स्थान ➛ पाटलिपुत्र
◎ समय ➛ 251 ई.पू.
◎ अध्यक्ष ➛ मोग्गलिपुत्ततिस्स
◎ शासनकाल ➛ अशोक (मौर्यवंश) के काल में।
◎ उद्देश्य ➛ संघ भेद के विरुद्ध कठोर नियमों का प्रतिपादन करके बौद्ध धर्म को स्थायित्व प्रदान करने का प्रयत्न किया गया। धर्म ग्रन्थों का अंतिम रूप से सम्पादन किया गया तथा तीसरा पिटक अभिधम्मपिटक जोङा गया।

╭─❀⊰╯ “चतुर्थ बौद्ध संगीति”
╨──────────────━❥

◎ स्थान ➛ कश्मीर के कुण्डलवन
◎ समय ➛ प्रथम शता. ई.
◎ अध्यक्ष ➛ वसुमित्र
◎ उपाध्यक्ष ➛ अश्वघोष
◎ शासनकाल ➛ कनिष्क (कुषाण वंश) के काल में।
◎ उद्देश्य ➛ बौद्ध धर्म का दो सम्प्रदायों हीनयान एवं महायान में विभाजन।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here