लोकसभा का कार्यकाल एक बार मात्र (5) वर्ष के स्थान पर) 6 वर्ष कर दिया गया था। 5वीं लोकसभा का चुनाव 1971 ई० में हुआ । 6वीं लोकसभा का चुनाव 1976 के बजाए, 1977 में हुआ था । लोकसभा संसद का प्रथम या निम्न सदन है जिसका सभापतित्व करने के लिए एक अध्यक्ष होता है। लोकसभा का कार्यकाल समान्यतः 5 वर्ष का होता है।Read more
लोकसभा का कार्यकाल एक बार मात्र (5) वर्ष के स्थान पर) 6 वर्ष कर दिया गया था।
5वीं लोकसभा का चुनाव 1971 ई० में हुआ ।
6वीं लोकसभा का चुनाव 1976 के बजाए, 1977 में हुआ था । लोकसभा संसद का प्रथम या निम्न सदन है जिसका सभापतित्व करने के लिए एक अध्यक्ष होता है। लोकसभा का कार्यकाल समान्यतः 5 वर्ष का होता है। मंत्रिपरिषद् लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होता है।
आपातकाल की घोषणा लागू होने पर विधि द्वारा संसद लोकसभा के कार्यकाल में वृद्धि कर सकती है जो एक बार एक वर्ष से अधिक नहीं होगी ।
राष्ट्रीय आपातकाल के समाप्त होने के बाद 6 माह से अधिक लोकसभा के कार्यकाल को नहीं बढ़ाया जा सकता है।
42वें संविधान संशोधन द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष से बढ़ा कर 6 वर्ष कर दिया गया था।
44वें संविधान संशोधन द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं का कार्यकाल पुनः घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया ।
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केन्द्र-राज्य संबंध पर सरकारिया आयोग का गठन किया गया था । बाबरी मस्जिद ढाँचा को क्षतिग्रस्त करने की जाँच पर लिब्राहम आयोग का गठन किया गया था। एम०एम० पुंछी आयोग (2007) :- केन्द्र-राज्य संबंध के अध्ययन के लिए गठित किया गया था। कावेरी नदी जल विवाद पर संसद द्वारा प्राधिकरण की स्थापना किया गया। भारतीय संRead more
केन्द्र-राज्य संबंध पर सरकारिया आयोग का गठन किया गया था ।
बाबरी मस्जिद ढाँचा को क्षतिग्रस्त करने की जाँच पर लिब्राहम आयोग का गठन किया गया था।
एम०एम० पुंछी आयोग (2007) :- केन्द्र-राज्य संबंध के अध्ययन के लिए गठित किया गया था।
कावेरी नदी जल विवाद पर संसद द्वारा प्राधिकरण की स्थापना
किया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-262 में नदी जल विवाद पर प्राधिकरण गठन करने का अधिकार संसद को दिया गया है।
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